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बनारस से विशेष प्रेम जताते हुए पीएम मोदी ने दी 3880 करोड़ की विकास सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी को 3880 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने इस मौके पर शहर में सड़क, बिजली, शिक्षा और पर्यटन से जुड़ी कुल 44 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि काशी का स्नेह मेरे ऊपर एक कर्ज है। उन्होंने कहा, “काशी मेरी आत्मा में बसी है और मैं काशी का हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक दशक में बनारस ने विकास की एक नई रफ्तार पकड़ी है। आज की काशी केवल ऐतिहासिक नहीं बल्कि आधुनिकता की ओर अग्रसर एक प्रगतिशील नगरी बन चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए आधुनिक युग की जरूरतों को भी अपनाया है। आज काशी पूर्वांचल की तरक्की का इंजन बन गई है। पूर्वांचल में अब बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने काशी को भारत की विविधता की एक अद्भुत मिसाल बताया। पीएम मोदी बोले, “हमारे लिए देश सेवा का संकल्प है—सबका साथ, सबका विकास। जबकि कुछ लोग सिर्फ सत्ता पाने के लिए पारिवारिक हितों की राजनीति करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि काशी में आधुनिक सुविधाएं बढ़ी हैं, सांस्कृतिक विरासत सजीव है और भविष्य को लेकर ठोस योजनाएं बन रही हैं। बनारस आने वाला हर व्यक्ति यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर की तारीफ करता है। रोजाना लाखों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं और गंगा स्नान करते हैं। अब हर कोई कहता है—बनारस पूरी तरह बदल गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि काशी भारत की विविधता की सबसे सुंदर झलक है। यहां की हर गली और हर मोहल्ला भारत की अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं को समेटे हुए है। उन्होंने ‘काशी-तमिल संगमम्’ जैसे आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश की एकता और मजबूती मिल रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत आज अपने अतीत और भविष्य, दोनों को संतुलित करते हुए विकास की दिशा में बढ़ रहा है, और काशी इसका उत्कृष्ट उदाहरण बन रही है। यहां गंगा की धारा के साथ-साथ भारत की चेतना भी प्रवाहित हो रही है।

आयुष्मान भारत योजना पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब देश ने तीसरी बार उन्हें आशीर्वाद दिया, तो उन्होंने भी एक सेवक की तरह अपने कर्तव्यों का पालन किया। उन्होंने बुजुर्गों के मुफ्त इलाज की जो गारंटी दी थी, वह अब आयुष्मान वय वंदना योजना के रूप में सामने आई है। यह योजना न सिर्फ इलाज के लिए है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान और आत्मविश्वास को भी बढ़ाने का माध्यम बन रही है।

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