
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन में बदलाव की कवायद तेज हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े लगातार नए जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए मंथन कर रहे हैं।
हालांकि, यह चर्चा सिर्फ जिलाध्यक्षों तक सीमित नहीं है, बल्कि योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और बोर्ड-निगम आयोग में समायोजन को लेकर भी विचार-विमर्श जारी है। विनोद तावड़े, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल के साथ उन नामों पर चर्चा कर रहे हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल या विभिन्न बोर्ड एवं आयोगों में स्थान दिया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, संगठन के 98 जिलों में से 65-70 जिलों के नए जिलाध्यक्षों के नाम तय कर लिए गए हैं। हाईकमान की अंतिम मंजूरी के बाद, शनिवार को इन नामों की आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
फरवरी के अंत तक नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा संभव
पार्टी सूत्रों का कहना है कि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। इस मुद्दे पर विनोद तावड़े ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर ली है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट दिल्ली में हाईकमान को सौंपेंगे। जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी पीयूष गोयल लखनऊ आएंगे और नामांकन की प्रक्रिया पूरी होगी।
योगी सरकार में जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार
बीजेपी संगठन में बदलाव का असर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल पर भी देखने को मिलेगा। योगी सरकार 2.0 के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। चर्चा है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, जबकि कुछ वर्तमान मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
योगी मंत्रिमंडल में 6 मंत्री पद खाली
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 19 राज्यमंत्री समेत कुल 54 मंत्री हैं। यानी अभी भी 6 मंत्री पद खाली हैं, जिन्हें नए विस्तार में भरा जा सकता है।बीजेपी संगठन और सरकार में यह बदलाव आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, ताकि पार्टी की स्थिति और मजबूत की जा सके।