प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि आजादी के बाद जो लोग सत्ता में थे, वे पूजा स्थलों के महत्व को नहीं समझ सके और उन्होंने राजनीतिक कारणों से अपनी संस्कृति पर शर्म करने की प्रवृत्ति शुरू कर दी। 11,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद गुवाहाटी में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोई भी देश अपने इतिहास को मिटाए बिना प्रगति नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘हालांकि, पिछले 10 साल में स्थिति बदल गई है.’
मोदी ने कहा कि उनके द्वारा शुरू की गई परियोजनाएं न केवल पूर्वोत्तर बल्कि शेष दक्षिण एशिया में भी कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में असम में शांति लौटी है और 7,000 से अधिक लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं. उन्होंने कहा, ‘पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए हैं.’
असम के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन 3 फरवरी को पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राज्य कोर कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की. वहीं, पीएम मोदी ने अपने असम दौरे में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें 498 करोड़ रुपये की मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या रीच कॉरिडोर), गुवाहाटी में नए हवाई अड्डे के टर्मिनल से छह लेन की सड़क (358 करोड़ रुपये) शामिल हैं. , नेहरू स्टेडियम को फीफा तक। इनमें इसे एक मानक फुटबॉल स्टेडियम में अपग्रेड करना (831 करोड़ रुपये) और चंद्रपुर में एक नया खेल परिसर (300 करोड़ रुपये) शामिल हैं।