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क्या हांगकांग में 3 महीने में कैंसर ठीक करने वाला इंजेक्शन भारत में भी आ चुका है ?

हांगकांग में कैंसर के इलाज को लेकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। वहां के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि CAR-T इंजेक्शन कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है। नवंबर 2024 में इस थैरेपी के तहत पांच मरीजों को इंजेक्शन दिया गया था, और अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इन सभी मरीजों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

सकारात्मक नतीजे और मरीजों की प्रतिक्रिया
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 में चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में पांच मरीजों पर CAR-T इंजेक्शन का उपयोग किया गया। इन मरीजों में 73, 71, 67, 15 और 5 वर्ष की उम्र के लोग शामिल थे। वैज्ञानिकों ने बताया कि फरवरी 2025 तक इन मरीजों ने काफी राहत महसूस की और उनकी हालत पहले से बेहतर हो गई।

मरीजों ने भी अपनी प्रतिक्रिया साझा की। ली चुंग नामक एक मरीज ने बताया कि इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों में आराम महसूस होने लगा। उन्होंने कहा कि अब उन्हें दर्द नहीं हो रहा है और धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार देखने को मिल रहा है। इस सकारात्मक परिणाम के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि CAR-T इंजेक्शन की मांग दुनियाभर में बढ़ सकती है।

CAR-T इंजेक्शन की लागत और उपचार प्रक्रिया
हालांकि, यह इंजेक्शन आम लोगों की पहुंच से अभी दूर है। रिपोर्ट के अनुसार, केवल इस इंजेक्शन की कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये है, जिसमें अन्य चिकित्सा खर्च शामिल नहीं हैं। इसके अलावा, इलाज के बाद मरीज को सात दिनों तक आईसीयू में रखना पड़ता है, और साइड इफेक्ट के इलाज के लिए अलग से ध्यान देना पड़ता है।

फिलहाल, यह इंजेक्शन केवल लीवर और फेफड़ों से संबंधित कैंसर में प्रभावी पाया गया है। वैज्ञानिक इस थैरेपी को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

भारत में CAR-T थैरेपी की स्थिति
भारत में IIT बॉम्बे ने 2023 में इस थैरेपी की शुरुआत की थी। भारत में नेक्सकार-19 नामक मेड इन इंडिया CAR-T थैरेपी के माध्यम से कैंसर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। केंद्र सरकार इस तकनीक को किफायती बनाने के प्रयास में जुटी हुई है ताकि मरीजों को कम कीमत में यह सुविधा मिल सके।

नेचर पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विकसित की जा रही CAR-T थैरेपी खासकर रक्त कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकती है। इससे देश में कैंसर के इलाज की दिशा में एक नया और सस्ता विकल्प मिलने की उम्मीद है।

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