
पुराने समय से ही दादी-नानी मिट्टी के घड़े में रखा पानी पीने की सलाह देती आई हैं। लेकिन आज के समय में अधिकतर लोग फ्रिज के ठंडे पानी को प्राथमिकता देने लगे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, फ्रिज में रखा बहुत ठंडा पानी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए प्राकृतिक रूप से ठंडा और स्वास्थ्यवर्धक पानी पीने के लिए मिट्टी के घड़े का उपयोग करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
मिट्टी के घड़े का पानी – सेहत के लिए वरदान
मिट्टी का घड़ा न सिर्फ ईको-फ्रेंडली होता है, बल्कि यह पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा भी रखता है। आयुर्वेद में इसे सेहत के लिए लाभकारी माना गया है। घड़े का पानी ठंडा बनाए रखने के लिए एक देसी उपाय अपनाया जा सकता है, जिसमें मटका, गीली जूट की बोरी या सूती कपड़ा और पानी की जरूरत होती है।
कैसे रखें मटके का पानी ठंडा?
- सही जगह चुनें – घड़े को ऐसी जगह रखें, जहां सीधी धूप न आती हो। इसे किसी ठंडी और छायादार जगह पर रखना बेहतर होता है।
- गीला कपड़ा या बोरी लपेटें – जूट की बोरी को ठंडे पानी में भिगोकर घड़े के चारों ओर लपेट दें। अगर जूट की बोरी उपलब्ध न हो, तो सूती कपड़ा भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नियमित रूप से गीला करें – घड़े के चारों ओर लपेटे गए कपड़े को समय-समय पर फिर से भिगोते रहें, ताकि यह लगातार पानी को ठंडा बनाए रखे।
यह देसी उपाय कैसे काम करता है?
इस विधि में इवैपोरेशन (वाष्पीकरण) का सिद्धांत काम करता है। जब कपड़े से धीरे-धीरे पानी वाष्पित होता है, तो यह गर्मी को भी सोख लेता है, जिससे घड़े का तापमान कम हो जाता है और पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा हो जाता है।
इस गर्मी में करें घड़े का इस्तेमाल
अगर आप भी फ्रिज के ठंडे पानी के बजाय प्राकृतिक रूप से ठंडा और स्वास्थ्यवर्धक पानी पीना चाहते हैं, तो इस बार गर्मियों में मिट्टी के घड़े का उपयोग जरूर करें। इससे न केवल आपकी सेहत अच्छी रहेगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा।