
नई दिल्ली: म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। इस आपदा में अब तक 1000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 1700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान हिंडन एयरबेस से उड़ान भरकर म्यांमार के लिए रवाना हुआ। इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, तैयार भोजन, पानी शुद्ध करने के उपकरण, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और जरूरी दवाइयां शामिल हैं। इनमें पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां भी भेजी गई हैं।
भूकंप के झटकों से सहमा म्यांमार और थाईलैंड
शुक्रवार को म्यांमार में रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया, जिसके कुछ मिनटों बाद 6.4 और फिर 4.9 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र मांडले शहर के पास था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी, जिससे आफ्टरशॉक्स की संभावना बनी हुई है। भूकंप के प्रभाव से थाईलैंड के कई शहरों में भी इमारतें हिल गईं, जिससे लोग घबराकर बाहर निकल आए। बैंकॉक में स्विमिंग पूल का पानी तक उछलने लगा, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
भारत ने जताई संवेदना, हरसंभव मदद का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्राकृतिक आपदा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत म्यांमार और थाईलैंड की मदद के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप से व्यथित हूं। प्रभावित लोगों की सुरक्षा और कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हरसंभव सहायता देने के लिए तत्पर है।”
इस भूकंप से हुए जान-माल के नुकसान को देखते हुए राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। भारत सहित कई देश मदद के लिए आगे आ रहे हैं ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके।