उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अब हाथ से मैनुअल ड्रिलिंग की जाएगी, मजदूरों को निकालने के लिए जो पाइपलाइन बिछाई जा रही है, उसके अंदर से ऑगर मशीन को निकालना होगा. उसी ऑगर मशीन से खुदाई की जा रही थी और पाइपलाइन को बढ़ाया जा रहा था लेकिन यह योजना काम नहीं कर रही है, इसलिए दूसरी योजना के तहत वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू कर दी गई है.
अधिकारियों के मुताबिक मजदूरों के रेस्क्यू में अभी काफी वक्त लग सकता है. बचाव अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस ऑगर मशीन में ड्रिल किया जा रहा था, उसका शाफ्ट टूट गया था. शाफ्ट निकलते समय 15 मीटर का हिस्सा बाहर आ गया है, जबकि करीब 32 मीटर का हिस्सा अंदर फंस गया है. अंदर फंसे 32 मीटर के टूटे हुए शाफ्ट को निकालना जरूरी है, लेकिन चुनौती है कि टूटे हुए शाफ्ट को हटाने से पाइप क्षतिग्रस्त हो सकता है।
अगर पूरा नुकसान हुआ तो पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। यदि शाफ्ट का टूटा हुआ हिस्सा हटा दिया जाता है, तो मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी। वहीं, मजदूर करीब 10 मीटर दूर फंसे हुए हैं. इन्हें बाहर निकालने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग करना बेहद मुश्किल काम होगा. एक समय में एक कर्मचारी 800 मिमी व्यास वाले पाइप में प्रवेश कर सकता है। इसमें काटना भी बहुत मुश्किल होगा, जिसमें काफी समय लगेगा.