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राहत वाली खबर – डिफाल्ट के नए मामलों में छह महीने तक कोई कार्यवाही नहीं

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है देश में लॉक डाउन के चलते सभी कार्य ठप होने से लोग अपने कर्ज को लेकर खासे परेशान है अब उनके लिए केंद्र सरकार ने राहत दी है

सरकार ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया है. इसके तहत कोरोना वायरस महामारी के दौरान कर्ज भुगतान में असफलता के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी.

कोरोना वायरस पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. 25 मार्च से छह माह तक कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट के नए मामलों में दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. इस कदम से कंपनियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और उसके बाद लागू राष्ट्रव्यापी बंद से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

ध्यादेश में कहा गया है ’25 मार्च, 2020 या उसके बाद डिफॉल्ट के किसी मामले में छह महीने या उससे आगे (एक साल से अधिक नहीं) दिवाला कार्रवाई नहीं की जा सकेगी.’ इसमें कहा गया है कि किसी कॉरपोरेट कर्जदार के खिलाफ उपरोक्त अवधि के दौरान कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के तहत आवेदन नहीं किया जा सकेगा.

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