
यूपी में 1 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत नई नियमावली जारी होने जा रही है. ऐसे में यूपी के कई जिलों में जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी. केवल उन्हीं जनरेटरों को चलाने की अनुमति होगी। जो बायो या पीएनजी फ्यूल से चलते हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में 1 अक्टूबर से डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लग जाएगी. बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया जा रहा है।
वहीं, नोएडा की इंडस्ट्री के हजारों उद्यमी इस्को से परेशान और निराश हो चुके हैं. इसका असर यह होगा कि अगर एक घंटे भी बिजली नहीं मिलेगी तो उद्यमियों को 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा. नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब 12 से 15 हजार इंडस्ट्री हैं। इसके अलावा सोसायटी और निजी संस्थान भी हैं।
बताया जा रहा है कि डीजल जनरेटर बंद होने से उद्योगों के अलावा हाईराइज सोसायटी, मॉल और अस्पतालों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। सोसायटियों में पावर बैकअप के लिए डीजल जनरेटर का उपयोग किया जाता है। लगभग 90 प्रतिशत इमारतों में डीजी सेट परिवर्तित नहीं हुए हैं।